kanchan singla

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पर्यावरण संरक्षण है परम धर्म

पर्यावरण संरक्षण जरूरी है 
इसे बचाना भी जरूरी है
तुम काटो ना पेड़ो को 
तुम बो दो बीज नए
सांसे चलती इससे ही
भोजन मिलता इनसे ही
जीवन वायु का साधन हैं 
वृक्ष बड़े ही फलदायक हैं।।

जल ही जीवन है
बिखरा है चारो ओर
फिर भी जल तुम बिखराओ ना
शुद्ध जल को यूं बर्बाद ना होने दो
बिजली बनती इस जल से ही
कहीं लोग तरसे इस जल को ही
प्यासी धरती, प्यासा मानव
बूंद बूंद को तरसा जीवन ।।

नित नए कारखाने खोल
विषैला धुआं दिया आसमान में छोड़ 
गंदगी फैली चारों ओर
सड़ी दुर्गंध में सांसे लेना मुश्किल
दम घुटता प्रदूषित वायु से
हर तरफ है बीमारियों का हल्ला बोल
वायु अशुद्धि बढ़ती जाए
मानव जीवन घुटता जाए ।।
 
पर्यावरण दूषित होने से
मानव जीवन त्रस्त है जितना
पशु, पक्षी भी तड़पे हैं उतना 
भोजन, औषधि जल और वायु
मिलता सब हमको पर्यावरण से है
करके इसको आरक्षित हम
जीवन पर पृथ्वी basayen हम
कर लो आज से यह तुम प्रण
पर्यावरण संरक्षण है परम धर्म ।।


- कंचन सिंगला 
लेखनी प्रतियोगिता -25-Nov-2022

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4 Comments

Haaya meer

26-Nov-2022 07:10 PM

Superb 👍

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Punam verma

26-Nov-2022 08:36 AM

Very nice

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Abhinav ji

26-Nov-2022 07:42 AM

Very nice

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